BSF Raising Day: रेगिस्तान में मनेगा 60वां उत्सव, अमित शाह परेड की सलामी देंगे

BSF Raising Day: दस्तो, आइए जानते हैं BSF के 60वें स्थापना दिवस से जुड़ी खास बातें | सीमा सुरक्षा बल (BSF) का 60वां स्थापना दिवस इस बार राजस्थान के रेगिस्तानी प्रांत जोधपुर में धूमधाम से मनाया जाएगा। BSF, जिसे भारत की पहली रक्षा पंक्ति कहा जाता है, इस मौके पर अपनी अदम्य वीरता और अनुशासन का प्रदर्शन करेगा। हर साल यह आयोजन भारतीय सुरक्षा बलों के इतिहास और उनके योगदान को सम्मान देने का अवसर होता है। इस बार 8 दिसंबर को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह भव्य परेड की सलामी लेंगे।

BSF Raising Day का इतिहास और परंपराएं

बीएसएफ की स्थापना 1 दिसंबर 1965 को भारत-पाक युद्ध के बाद हुई थी। इसका उद्देश्य सीमाओं की सुरक्षा को मजबूत करना था। हर साल BSF Raising Day पर बल के जवान अपनी वीरता का प्रदर्शन करते हैं। इस बार का आयोजन खास है क्योंकि यह जोधपुर के रेगिस्तानी इलाके में हो रहा है। BSF के 59वें Raising Day का आयोजन पिछले साल झारखंड के हजारीबाग में हुआ था, और इस बार इसे राजस्थान में आयोजित करने का उद्देश्य स्थानीय जनता के साथ जुड़ाव को बढ़ावा देना है।

BSF Raising Day समारोह की विशेषताएं

इस स्थापना दिवस पर आयोजित परेड में BSF के जवान अपनी परंपरागत वर्दी और आधुनिक तकनीकी हथियारों के साथ मार्च करते नजर आएंगे। BSF के Performance, Discipline और Design को दर्शाने वाले प्रदर्शन किए जाएंगे। इसके साथ ही जवानों के साहस और Engineered उपकरणों का प्रदर्शन भी मुख्य आकर्षण होगा। BSF ने अब तक 1900 से अधिक जवानों को देश की सुरक्षा में बलिदान दिया है। यह समारोह केवल एक परेड नहीं है, बल्कि यह राष्ट्र की सुरक्षा में उनकी भूमिका का उत्सव है।

BSF Raising Day स्थापना दिवस का महत्व और आयोजन स्थल का चयन क्यों

BSF Raising Day हर साल एक नए स्थान पर आयोजित किया जाता है ताकि देश के विभिन्न हिस्सों के लोग सुरक्षा बलों की उपलब्धियों और उनके योगदान से रूबरू हो सकें। इस बार जोधपुर का चयन इसलिए किया गया है क्योंकि यह इलाका पाकिस्तान से लगते सीमा क्षेत्र में स्थित है। रेगिस्तानी इलाके में BSF के जवानों की उपस्थिति और उनकी गतिविधियां दर्शाती हैं कि वे हर चुनौतीपूर्ण परिस्थिति में तैनात रहते हैं।

BSF Raising Day निष्कर्ष

BSF का 60वां स्थापना दिवस देश के प्रति उनकी प्रतिबद्धता और बलिदान की कहानी को उजागर करता है। राजस्थान के जोधपुर में इस समारोह का आयोजन, न केवल सीमावर्ती इलाकों की जनता के लिए प्रेरणा बनेगा, बल्कि पूरे देश को यह याद दिलाएगा कि हमारी सुरक्षा में BSF की क्या भूमिका है। दस्तो, आइए हम भी इस अवसर पर उनके साहस और समर्पण को सलाम करें।

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