January 2025 Chaturthi Dates: कब है विनायक चतुर्थी और सकट चौथ? देखें शुभ समय!

January 2025 Chaturthi Dates: भगवान गणेश को चतुर्थी तिथि विशेष रूप से समर्पित है। इस दिन भक्त विधिपूर्वक गणपति बप्पा की पूजा करते हैं और उनकी कृपा पाने के लिए व्रत रखते हैं। चतुर्थी का महत्व विशेष रूप से सुख-समृद्धि और बाधाओं को दूर करने के लिए जाना जाता है। जनवरी 2025 में विनायक चतुर्थी और सकट चौथ जैसे प्रमुख पर्व आने वाले हैं। आइए जानते हैं इन तिथियों और शुभ मुहूर्त के बारे में।

January 2025 Chaturthi Dates: विनायक चतुर्थी 2025 शुभ मुहूर्त

जनवरी 2025 में विनायक चतुर्थी का पर्व 03 जनवरी को मनाया जाएगा। पंचांग के अनुसार, यह तिथि पौष माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को पड़ती है।

शुभ मुहूर्त इस प्रकार हैं:

  • चतुर्थी तिथि प्रारंभ: 02 जनवरी, रात 01:08 बजे।
  • चतुर्थी तिथि समाप्त: 03 जनवरी, सुबह 11:39 बजे।
  • ब्रह्म मुहूर्त: सुबह 05:25 से 06:20 बजे।
  • अमृत काल: सुबह 09:34 से 11:03 बजे।

इस दिन गणपति बप्पा की विधिवत पूजा करने से भक्तों को जीवन की कठिनाइयों से मुक्ति मिलती है।

सकट चौथ (लम्बोदर संकष्टी चतुर्थी) 2025 शुभ मुहूर्त

सकट चौथ का पर्व, जिसे लम्बोदर संकष्टी चतुर्थी भी कहा जाता है, 17 जनवरी 2025 को मनाया जाएगा। यह तिथि माघ माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी के दौरान आती है।

January 2025 Chaturthi Dates
January 2025 Chaturthi Dates

शुभ मुहूर्त इस प्रकार हैं:

  • तिथि प्रारंभ: 17 जनवरी, सुबह 04:06 बजे।
  • तिथि समाप्त: 18 जनवरी, सुबह 05:30 बजे।
  • गोधूलि मुहूर्त: शाम 05:35 से 06:02 बजे।

सकट चौथ को लेकर मान्यता है कि इस दिन व्रत रखने और भगवान गणेश की पूजा करने से संतान सुख और परिवार में शांति की प्राप्ति होती है।

ऐसे करें भगवान गणेश की पूजा

चतुर्थी के दिन पूजा विधि का विशेष महत्व है। इस दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और घर-मंदिर को साफ करें। सूर्य देव को जल चढ़ाने के बाद व्रत का संकल्प लें।

पूजा में देसी घी का दीपक जलाएं और भगवान गणेश के मंत्रों का जाप करें। मोदक और फल का भोग लगाकर बप्पा से सुख-समृद्धि की कामना करें। अंत में, प्रसाद का वितरण करें और दान करें।

आपके लिए यह चतुर्थी खास क्यों है?

जनवरी 2025 की ये चतुर्थियां साल के शुभ शुरुआत का संकेत देती हैं। जहां विनायक चतुर्थी से नए कार्यों में सफलता मिलती है, वहीं सकट चौथ विशेष रूप से संतान की भलाई के लिए महत्वपूर्ण मानी जाती है। ये पर्व न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से, बल्कि सामाजिक और मानसिक शांति के लिए भी महत्वपूर्ण हैं। आप भी इन तिथियों पर गणपति बप्पा की पूजा कर उनके आशीर्वाद से जीवन में नई ऊर्जा और सकारात्मकता का अनुभव कर सकते हैं।

Disclaimer: यहां दी गई जानकारी धार्मिक ग्रंथों, पंचांग और ज्योतिषीय मान्यताओं पर आधारित है। पाठकों से अनुरोध है कि इसे अंतिम सत्य मानने से पहले अपने विवेक का उपयोग करें।

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