Syria Civil War: दमिश्क पर हयात तहरीर अल-शाम का कब्जा, असद का पलायन?

Syria Civil War: सीरिया का गृह युद्ध एक बार फिर दुनिया भर का ध्यान आकर्षित कर रहा है। इस बार खबर दमिश्क से है, जहां विद्रोही गुट हयात तहरीर अल-शाम (HTS) ने दावा किया है कि उन्होंने राजधानी पर कब्जा जमा लिया है। राष्ट्रपति बशर अल-असद के देश छोड़ने की खबरें भी चर्चा में हैं। यह घटनाक्रम सीरिया के राजनीतिक और सामाजिक परिदृश्य पर दूरगामी प्रभाव डाल सकता है।

Syria Civil War हयात तहरीर अल-शाम, अल-कायदा से लेकर दमिश्क तक का सफर

हयात तहरीर अल-शाम (HTS) एक समय अल-कायदा से जुड़ा हुआ संगठन था। 2011 में इसे अल-नुसरा फ्रंट के नाम से स्थापित किया गया था, उसी साल जब सीरिया में गृह युद्ध शुरू हुआ। इसका घोषित उद्देश्य असद सरकार को हटाकर एक इस्लामिक राज्य की स्थापना करना था। 2016-17 में, संगठन ने अपने नाम में बदलाव कर खुद को जबात फतह अल-शाम कहा और अल-कायदा से अपने औपचारिक संबंध खत्म कर लिए। इसके बावजूद, संगठन की विचारधारा में कट्टरपंथी तत्व आज भी मौजूद हैं। 2019 में, इदलिब प्रांत पर कब्जा जमाने के बाद HTS ने अपनी अलग सरकार चलाई, जिससे उनकी ताकत का अंदाजा लगाया जा सकता है।

दमिश्क पर कब्जा: विद्रोहियों का बड़ा दावा

HTS के कमांडर अबू मोहम्मद अल-जुलानी ने हाल ही में दावा किया कि उनकी ताकतों ने दमिश्क पर कब्जा कर लिया है। कई रिपोर्ट्स के अनुसार, राजधानी की सड़कों पर गोलियों की आवाजें सुनी गईं और सरकारी सैनिकों को पीछे हटने का आदेश दिया गया। सीरिया के प्रधानमंत्री मोहम्मद गाजी जलाली ने एक वीडियो जारी कर कहा कि वे किसी भी नए नेतृत्व के साथ काम करने के लिए तैयार हैं। उन्होंने जनता से सार्वजनिक संपत्तियों की सुरक्षा की अपील की। विद्रोहियों के इस बड़े कदम के बाद असद सरकार की स्थिति कमजोर होती दिख रही है।

असद का पलायन: सवालों के घेरे में सीरियाई सरकार

राष्ट्रपति बशर अल-असद के देश छोड़ने की खबरों ने सीरिया में राजनीतिक संकट को और गहरा दिया है। दमिश्क इंटरनेशनल एयरपोर्ट से सरकारी सैनिकों के हटने की खबरों ने इस दावे को और बल दिया है। विशेषज्ञों का मानना है कि अगर यह दावा सच है, तो यह असद सरकार के लिए सबसे बड़ा झटका होगा। दमिश्क पर नियंत्रण खोने का मतलब है कि देश के सबसे महत्वपूर्ण केंद्र पर उनका कोई अधिकार नहीं रहा।

Syria Civil War
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सीरिया संकट पर आपकी राय क्यों मायने रखती है?

दुनिया भर में इस संकट को लेकर अलग-अलग राय है। दस्तो, अगर भविष्य की बात करें तो इस घटनाक्रम से सीरिया और पूरे मिडिल ईस्ट पर गहरा प्रभाव पड़ सकता है। हयात तहरीर अल-शाम की बढ़ती ताकत और असद सरकार की कमजोर स्थिति एक नए दौर की शुरुआत का संकेत देती है।
आपका दृष्टिकोण इस मुद्दे को बेहतर समझने और दूसरों तक सही जानकारी पहुंचाने में मदद कर सकता है। इस संकट का समाधान तभी संभव है जब अंतरराष्ट्रीय समुदाय ठोस कदम उठाए और सभी पक्ष बातचीत के लिए तैयार हों।

Disclaimer – यह लेख केवल सूचना के उद्देश्य से लिखा गया है और इसमें दी गई जानकारी विभिन्न स्रोतों पर आधारित है। लेख का उद्देश्य किसी भी पक्ष का समर्थन या विरोध करना नहीं है। पाठकों से अनुरोध है कि वे अपनी राय बनाते समय स्वतंत्र रूप से विचार करें।

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